बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

विवेचना राष्ट्रीय नाट्य समारोह जबलपुर २७ अक्टूबर से जबलपुर में प्रारम्भ.

हम अपने इस नवीन ब्लॉग  " विवेचना राष्ट्रीय नाट्य समारोह जबलपुर" पर आपका हार्दिक अभिनन्दन है.


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हम अपने इस नवीन ब्लॉग  " विवेचना राष्ट्रीय नाट्य समारोह जबलपुर" पर आयोजन की विस्तृत जानकारी
उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे
प्रस्तुति:
विवेचना

10 टिप्‍पणियां:

  1. विवेचना राष्ट्रीय नाट्य समारोह जबलपुर " का ब्लॉग जगत में स्वागत है

    -विजय तिवारी " किसलय " जबलपुर // हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर

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  2. नए ब्लॉग का स्वागत है .... संस्कारधानी से संबंधित नाट्य विषयक समाचार और कार्यक्रमों की जानकारी मिलेगी ... बधाई और शुभकामनाएं ...

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  3. हमारी तरफ से आपको बढ़िया लेखन के लिए बधाई .....

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  4. मुबारक हो, यह बहुत ही अच्छा विचार है...

    शुभकामनायें
    चन्दर मेहेर

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  5. 27 अक्‍टूबर! अब दिन ही कितने रह गए हैं। कृपया बताएँ इस बार कौन-कौन सा नाट्यदल आ रहा है। उनके बारे में कुछ और जानकारी दें। पाँच दिन बाद तो प्रदर्शनों की समीक्षा का समय आ जाएगा...

    - आनंद

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  6. इस नए और सुंदर से ब्‍लॉग के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  7. यह लेखनी कैसी कि जिसकी बिक गयी है आज स्याही !
    यह कलम कैसी कि जो देती दलालों की गवाही !
    पद-पैसों का लोभ छोड़ो , कर्तव्यों से गाँठ जोड़ो ,
    पत्रकारों, तुम उठो , देश जगाता है तुम्हें !
    तूफानों को आज कह दो , खून देकर सत्य लिख दो ,
    पत्रकारों , तुम उठो , देश बुलाता है तुम्हें !
    " जयराम विप्लव "

    हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति.कॉम "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . अपने राजनैतिक , सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक और मीडिया से जुडे आलेख , कविता , कहानियां , व्यंग आदि जनोक्ति पर पोस्ट करने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाकर रजिस्टर करें . http://www.janokti.com/wp-login.php?action=register,
    जनोक्ति.कॉम www.janokti.com एक ऐसा हिंदी वेब पोर्टल है जो राज और समाज से जुडे विषयों पर जनपक्ष को पाठकों के सामने लाता है . हमारा प्रयास रोजाना 700 नये लोगों तक पहुँच रहा है . रोजाना नये-पुराने पाठकों की संख्या 10 हजार के बीच रहती है . 30 हजार के आस-पास पन्ने पढ़े जाते हैं . आप भी अपने कलम को अपना हथियार बनाइए और शामिल हो जाइए जनोक्ति परिवार में !

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  8. शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।

    -लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
    E-mail : dplmeena@gmail.com
    E-mail : plseeim4u@gmail.com

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